पारुल नीलकंठ मोती लाने निकलती है और उसके सामने नई चुनौती आती है। मल्लिका तंत्रमाता से माफ़ी मांगकर अपनी जान बचाती है। राघव से बातचीत करने पर मुक्ता मुसीबत में फँस जाती है।