दादाजी को होश आता है और वह पारुल और राघव से चंपा फूल को लेकर राक्षस राज्य से जाने को कहते हैं। मल्लिका बलि के लिए पारुल को लेने आती है और उसे कमरे में न पाकर हैरान होती है।