कुमोलिनी राघव से कहती है कि वह नागलोक का उत्तराधिकारी है। पारुल नदी में बहने का नाटक कर जंगल पहुँचती है। राघव को नागलोक में पद्मावती दिखाई देती है। पारुल जंगल में नागराज को देखती है।